Sunday 4 September 2022

*हाथों का जादू - बीस वर्षीय शैलेन्द्र की प्रतिमा के मुरीद हुए लोग*


औरैया - आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है जो सुनकर अचंभित रह जाएंगे जिसका नाम शैलेन्द्र शाक्य जो कि औरैया नारायणपुर का रहने बाला है,यह कहानी एक ऐसे लडके की है जो कि साधारण परिवार से है,जिसने अपना सदैव जीवन गरीबी में जिया उसने बताया कि उसके पिता जी एक किसान व् पेंटर थे जो कि बसों और ट्रकों में पेंट करके अपना जीवन यापन करते थे,जिसके परिवार में तीन भाई व् दो बहिने, माता- पिता है लेकिन अभी एक साल पहले उसके पिता जी का स्वर्गवास हो गया था शैलेन्द्र ने बताया कि उसने अपनी पढ़ाई केबल कक्षा दस तक ही की है पैसों की तंगी के चलते उसने पढ़ाई नहीं कर पाई, जिसमें उसने बताया कि हम सबको देखते थे तो सोचते थे कि आखिरकार लोग किसी को देखकर उसका चित्र कैसे बना देते है उसके मन में यह एक कला जाग्रत हुई और उसने भी इस प्रतिमा को अपने में जाग्रत करने की मन ही मन ठान ली उसी समय से शैलेन्द्र पेंसिल और सफ़ेद कागज पेपर लेकर के कला को उकेरना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कुछ समय में शैलेन्द्र ने किसी भी व्यक्त को देखकर उसका चित्र बनाने की कला में उकरने लगें शैलेन्द्र ने बताया कि उनके इस प्रयास में लगभग दो महीने का समय लगा और उसमें वो सझम हो गए, आज शैलेन्द्र यदि किसी भी व्यक्ति का चित्र देखते ही देखते कुछ मिनटों में हूबहू बनाकर तैयार कर देते है, मैंने आपको इस लडके की कहानी इसलिए बताई कि जरुरी नहीं कि आप बहुत पढ़ लिखकर ही सब कुछ कर सकते है नहीं ऐसा बिलकुल नहीं आपमें केबल कुछ भी करने की कला होनी चाहिए मन में आपने उस कार्य को करने को ठाना हो तो सब कुछ हो सकता है..





                                       *अनुराग ठाकुर* 

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